Thursday, April 5, 2018

Huawei P20 Pro full hindi review

Huawei P20 Pro full hindi review





https://youtu.be/h3N5XhQvD-4



1.मोबाइल बनावट और डिस्प्ले- इस मोबाइल में आपको 6.1 इंच का फुल HD डिस्प्ले मिलता है जिसका resolution 1080×2244 है। मोबाइल के पीछे की ओर 3 कैमरे दिए गए है तथा साथ में फ्लैश लाइट भी मौजूद है वही सामने की ओर एक कैमरा, फ्लैश LED लाइट, कुछ सेंसर तथा फिंगरप्रिंट स्केनर मिल जाते हैं। वही इसकी बनावट बिल्कुल iPhone X से मिलती जुलती है।
2. मोबाइल बैटरी- इसमें आपको 4000 एमएएच की नॉन रिमूवेबल बैटरी मिलती है और साथ में ही फास्ट बैटरी चार्जिंग का सपोर्ट नहीं मिलता है यह बैटरी लगभग 1 दिन तो आराम से ही चल सकती है।

4. मोबाइल कैमरा- कैमरे की बात करें तो इसमें 3 प्राइमरी कैमरे लगे हुए जो क्रमशः 40 मेगापिक्सल 20 मेगापिक्सेल और 8 मेगापिक्सल के मिलते हैं वही इस कैमरे के फीचर्स की बात करें तो इसमें Leica optics, 3x optics ज़ूम, Phase डिटेक्शन & लेज़र ऑटोफोकस, ड्यूल LED ड्यूल tone फ़्लैश, टच फोकस, फेस डिटेक्शन, पैनोरमा, HDR और Geo-टैगिंग मिल जाते हैं अब सेकेंडरी अर्थात सेल्फी कैमरे की बात करें तो यह 24 मेगापिक्सल और फ्लैश LED लाइट के साथ मिलता है। कंपनी का मानना है कि इसमें आप बहुत अच्छी क्वालिटी की फोटो ले सकते हैं।
5. मोबाइल फीचर्स– इस मोबाइल में ब्लूटूथ, वाई-फाई, हॉटस्पॉट, GPS, SMS, MMS, ईमेल जैसे फीचर्स मिलते हैं वही सेंसर में फिंगरप्रिंट, accelerometer, gyro, प्रॉक्सिमिटी और कंपास मिलते हैं कुछ अन्य फीचर्स जैसे फास्ट बैटरी चार्जिंग डाक्यूमेंट्स व्यूअर, फोटो वीडियो एडिटर भी मिल जाते हैं।
6. कीमत और उपलब्धता- यह मोबाइल अभी इंडिया में लॉन्चर नहीं हुआ है इस मोबाइल में आपको 6 जी बी रेम तथा 128 जीबी इंटरनल स्टोरेज देखने को मिलता है जैसे ही यह मोबाइल इंडिया में लांच होगा तो हम आपको इसके बारे में बता देंगे।
उम्मीद है कि आपको यह पोस्ट पसंद आई होगी इसी प्रकार की पोस्ट पढ़ने के लिए आप हमें फॉलो करना ना भूलें।

Monday, April 2, 2018

 क्या बिहार दंगा बीजेपी आरएसएस की सोची समझी साजिश है ?

क्या बिहार दंगा बीजेपी आरएसएस की सोची समझी साजिश है ?




बीजेपी और नीतीश कुमार बिहार मे दंगे कराने के मुख्य भूमिका निभाई है।
हम अगर पूरी बिहार की दंगा को अच्छी तरह साझेदारी से रिसर्च किया जाये तो आरएसएस और बीजेपी का चेहरा सामने दिखाई देता है।
बिहार में ये दंगे होने से पहले यहाँ पर आरएसएस के प्रमुख दस दिनों तक बिहार में ही थे।
उनके यहा से जाते ही बिहार में दंगा फसाद स्टार्ट हुआ है। अगर ये कहा जाए की आरएसएस के प्रमुख बिहार में दंगा भड़काने या उसको ऑर्गनाइज़ करने यहां पर आये थे तो वो गलत नहीं होगा।

उनका कहना है कि हिन्दुओ का त्यौहार मनाने के लिए कोर्ट से आदेस लेना पड़ रहा है जो कि बहत सर्म की बात है।
इस लिए हम सिर्फ अपना हक की लड़ाई कर रहे है।
और दंगा भड़काने मैं हमारा कोई हाथ नहीं।
नीतीश कुमार की बात की जाए तो अब उनकी सत्ता फिर खतरे में है और ये साफ दिख रहा है की सरकार चलाना अब उनके बस से बाहर है।
कुर्सी के लालच में इस डाली से उस डाली पर बैठकर आखिर कब तक सत्ता चलेंगी।