बीजेपी और नीतीश कुमार बिहार मे दंगे कराने के मुख्य भूमिका निभाई है।
हम अगर पूरी बिहार की दंगा को अच्छी तरह साझेदारी से रिसर्च किया जाये तो आरएसएस और बीजेपी का चेहरा सामने दिखाई देता है।
बिहार में ये दंगे होने से पहले यहाँ पर आरएसएस के प्रमुख दस दिनों तक बिहार में ही थे।
उनके यहा से जाते ही बिहार में दंगा फसाद स्टार्ट हुआ है। अगर ये कहा जाए की आरएसएस के प्रमुख बिहार में दंगा भड़काने या उसको ऑर्गनाइज़ करने यहां पर आये थे तो वो गलत नहीं होगा।
हम अगर पूरी बिहार की दंगा को अच्छी तरह साझेदारी से रिसर्च किया जाये तो आरएसएस और बीजेपी का चेहरा सामने दिखाई देता है।
बिहार में ये दंगे होने से पहले यहाँ पर आरएसएस के प्रमुख दस दिनों तक बिहार में ही थे।
उनके यहा से जाते ही बिहार में दंगा फसाद स्टार्ट हुआ है। अगर ये कहा जाए की आरएसएस के प्रमुख बिहार में दंगा भड़काने या उसको ऑर्गनाइज़ करने यहां पर आये थे तो वो गलत नहीं होगा।
उनका कहना है कि हिन्दुओ का त्यौहार मनाने के लिए कोर्ट से आदेस लेना पड़ रहा है जो कि बहत सर्म की बात है।
इस लिए हम सिर्फ अपना हक की लड़ाई कर रहे है।
और दंगा भड़काने मैं हमारा कोई हाथ नहीं।
इस लिए हम सिर्फ अपना हक की लड़ाई कर रहे है।
और दंगा भड़काने मैं हमारा कोई हाथ नहीं।
नीतीश कुमार की बात की जाए तो अब उनकी सत्ता फिर खतरे में है और ये साफ दिख रहा है की सरकार चलाना अब उनके बस से बाहर है।
कुर्सी के लालच में इस डाली से उस डाली पर बैठकर आखिर कब तक सत्ता चलेंगी।
कुर्सी के लालच में इस डाली से उस डाली पर बैठकर आखिर कब तक सत्ता चलेंगी।
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